दिव्यांगजनों हेतु विवाह प्रोत्साहन योजना
Schemes / योजनाएं
निःशक्त व्यक्तियों को विवाह हेतु प्रोत्साहित करने के लिए नि:शक्त विवाह प्रोत्साहन योजना प्रारंभ की गई है।
अ . पात्रता के मापदंड
1- नि:शक्त व्यक्ति (समान अवसर, अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम, 1995 की धारा-2 में वर्णित परिभाषा अनुसार 40 प्रतिशत या उससे अधिकदिव्यांगता हो।
2- मध्यप्रदेश का मूल निवासी हो।
3- न्यूनतम आयु- आवेदक के लिये 21 वर्ष तथा आवेदिका के लिये 18 वर्ष की आयु पूर्ण हो गई हो। विवाह धार्मिक रीति/सामाजिक रीति/ या सक्षम न्यायालय द्वारा कानूनी रुप से विहित किया गया हो।
4- आवेदक/आवेदिका आयकरदाता न हो।
ब . अन्य शर्ते
- निःशक्त विवाह प्रोत्साहन सहायता उनके पूरे जीवनकाल में एक बार दी जावेगी । विधवा/परित्यक्ता/विधुर होने की स्थिति में पूर्व सहायता प्राप्त कर लेने की स्थिति में पुनः उसे पात्रता नहीं आवेगी ।
- निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए 40 प्रतिशत निःशक्तता होना आवश्यक है जो दंपत्ति (पति/पत्नी में से कोई एक निःशक्त है वही आवेदन कर सकेगा। दोनों के निःशक्त होने की स्थिति में संयुक्त रुप से आवेदन करना होगा । विवाह की पुष्टि हेतु विवाह अधिनियम 1954 के तहत बनाये गये नियम 2008 के तहत विवाह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। यदि विवाह धार्मिक/सामाजिक रीति-रिवाज एवं विधि पूर्वक संपन्न हुआ है तो उसका प्रमाण पत्र अभिकथन/शपथ पत्र के साथ प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा ।
- निःशक्त दंपत्ति (पति/पत्नी) यदि दोनों संयुक्त रुप से आवेदन करते है तो पति के मूल निवास का स्थान जहां उसका स्थाई पता, भवन, परिसंपत्ति, भूमि आदि की पुष्टि की जाकर पति/पत्नी को एक स्थान पर यथा पति के मूल निवास जिले में लाभ दिया जायेगा । यही व्यवस्था यदि पत्नी विकलांग है और पत्नी का निवास स्थान पति से भिन्न है तो पत्नी आवेदक के रुप में जिस जिले की वह मूल निवासी है वहां उसको आवेदन करना होगा ।
- निःशक्त विवाह करने के पूर्व निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ प्राप्त के लिए उसी प्रकार आवेदन करना होगा जिस प्रकार मुख्यमंत्री कन्यादान/निकाह योजना के लिए आवेदन करना होगा। निःशक्त दंपत्ति में से कोई आवेदन पत्र विवाह संपन्न होने के एक वर्ष की अवधि के भीतर आवेदन करना होगा । अन्यथा निःशक्त विवाह प्रोत्साहन योजना का लाभ प्राप्त करने की पात्रता नहीं रहेगी ।
- स्वीकृत सहायता निःशक्त व्यक्ति के विवाह विच्छेद अथवा विवाह विघटन 5 वर्ष के पूर्व होता है तो विवाह प्रोत्साहन सहायता राशि शासन को वापस करना होगी। आवेदक द्वारा राशि वापस नहीं किये जाने की स्थिति में भू-राजस्व की बकाया की तरह सहायता राशि वसूली के योग्य होगी।
स . सहायता राशि
योजना के अंतर्गत दम्पत्ति मे से किसी एक के नि:शक्त होने पर सहायता राशि रू. 2,00,000/- एवं दोनो दांपत्य (युवक एवं युवती) के नि:शक्त होने पर रू. 1,00,000/- की सहायता प्रदान की जाती हैं।
द. आवश्यक दस्तावेज :
आवेदन पत्र के साथ निम्नांकित दस्तावेज अनिवार्य रूप से संलग्न किये जाये:-
1. मध्यप्रदेश का मूल निवासी प्रमाण पत्र की छायाप्रति
2. चिकित्सक द्वारा जारीदिव्यांगता प्रमाण पत्र की छायाप्रति
3. आयकरदाता न होने का सक्षम अधिकारी द्वारा प्रदत्त प्रमाण पत्र
4. आयु संबंधी प्रमाण पत्र की छायाप्रति
5. नि:शक्त दंपत्ति का संयुक्त दो पासपोर्ट साइज के फोटो
6. विधवा होने की स्थिति में पति का मृत्यु प्रमाण पत्र की छायाप्रति
7. परित्यक्तता होने की स्थिति में न्यायालयीन आदेश की छायाप्रति
8. बैंक पासबुक की छायाप्रति जिसमे बचत खाता नम्बर अंकित हो।
इ. सहायता प्राप्त करने की प्रक्रिया
योजना के अंतर्गत सहायता राशि प्राप्त करने हेतु आवेदक को आवेदन जिले के संयुक्त संचालक/उप संचालक, सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग को निर्धारित प्रपत्र में ऑनलाईन या ऑफलाइन आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
1. स्वीकृति हेतु पदाभिहित अधिकारी - संयुक्त संचालक/उप संचालक सामाजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग
2. आवेदन पत्र के निराकरण की समय-सीमा - 15 कार्य दिवस
नोट : दिव्यांगजन विवाह प्रोत्साहन योजना अंतर्गत आवेदक द्वारा आवेदन विवाह के उपरांत किया जाता है। दिव्यांगजनों द्वारा यदि मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना अंतर्गत भी शादी की जाती है तो उन्हे नि:शक्त विवाह सहायता योजना के साथ-साथ मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना का लाभ भी प्रदाय किया जाता है।
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