प्रदेश का पहला दिव्यांग स्टार्टअप प्रारंभ - स्टार्टअप मेंटर समीर शर्मा का दिव्यांग स्टार्ट अप मॉडल

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यदि शासन ने सहयोग किया तो इंदौर और मध्यप्रदेश एक नई इबारत दिव्यांग जगत में लिखने को तैयार है |- मेंटर समीर शर्मा

दिव्यांग बने एन्त्रेप्रेनुएर - सोलर ड्रायर से फल / सब्जी सुखाकर मार्किट में बेचेंगे 

सौर ऊर्जा के जरिये सोलर ड्रायर से फल सब्जी सूखाने वाला मूक बधिर दिव्यांग युवतियों का देश का पहला स्टार्टअप सांवेर रोड पर आनंद सर्मेंविस सोसाइटी में  शुरू हो गया। मेंटर समीर शर्मा ने संसथान  की मूक बधिर दिव्यांग युवतियों को आत्म निर्भर बनाने के लिए सोलर ड्रायर से फल , मसाले औऱ सब्जियां सुखाने ट्रेनिग देने का काम शुरू कर दिया है।

इंदौर शहर सहित जिले और सम्भाग की सभी मूक बधिर दिव्यांग युवतियो को अपने पैरों पर खड़ा करने के लिए एक स्टार्टअप  कि योजना बहुत समय से मन में थी , आनन्द सर्विस सोसायटी के पुरोहित दम्पति ने जब उनकी ज़रुरत और दिव्यंगों को आत्मनिर्भर बनाने कि बात साझा की  तो , समीर शर्मा ने रहेजा सोलर फ़ूड प्रोसेसिंग  के वरुण  रहेजा के माध्यम से निशुल्क ड्रायर इन्हें दिलवाया और कलेक्टर आशीषसिंह के सहयोग से इसे लांच किया ।

अब  18 साल से बड़ी मूक बधिर दिव्यांग युवतियो को सांवेर रोड पर अरबिंदो अस्पताल के पीछे निजी औद्योगिक क्षेत्र बरदरी में सौर ऊर्जा से चलने वाले सौलर ड्रायर स्टार्टअप सेंटर में फल और सब्जियी को सुखाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

साल भर में ऐसा कई बार होता है कि ज्यादा पैदावार या अधिक आवक होने से फल सब्जियां मसाले अन्य दिनों की अपेक्षा सस्ते मिलने लगते है कई बार तो ऐसा भी होता है सब्जियों की कीमत इतनी ज्यादा कम हो जाती है कि किसान इन्हें फेंकने या नष्ट करने लगते है , मगर अब सौलर ड्रायर के माध्यम से इन्हें सुख कर साल भर के लिए इन्हें सुरक्षित रखा जा सकता है। बाद में इन्हें होटल सहित बाजार में अच्छे दामो में बेचा जा सकता है। 

युवा उद्योगपति वरुण आहेजा यही कर रहे है। उनके कश्मीर से लेकर इंदौर ही नही बल्कि अफ्रीका तक लगभग 7000 सौलर ड्रायर प्लांट लगे हुए है। आज वह सारे देश मे ही नही बल्कि विदेश में भी सोलर ड्रायर से सूखी हुई पालक, मैथी हरा धनिया जैसी सब्जियों के अलावा प्याज लहसुन जैसे मसाले बेच रहे है। 

समीर शर्मा जो रहेजा सोलर फ़ूड स्टार्ट अप के भी मेंटर हैं उन्होंने  इसी बिजनेस की ट्रेनिग RSFP के माध्यम से   मूक बधिर दिव्यांग युवतियों को देकर उन्हें आत्म निर्भर बनाने की कोशिश कर रहे है। जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे है। हालांकि इस कदम के कारण लोग इसकी सराहना भी कर रहे हैं और यह चर्चा का विषय बना हुआ है।

समीर बताते हैं कि यदि शासन ने सहयोग किया तो इंदौर और मध्यप्रदेश एक नै इबारत दिव्यांग जगत में लिखने को तैयार है |

 


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